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श्री गंगानगर : बाबा रामदेव जी की फेरी के दौरान राजिंदर ऑलसिखा की पत्नी अंजू ऑलसिखा एक भीषण सड़क दुर्घटना का शिकार हो गईं। गंभीर हालत में उन्हें पहले सादुलसर मटीली के सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन बाद में श्रीगंगानगर गवर्नमेंट हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया, जहां इलाज शुरू नहीं हो सका। सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से ओम साईं हॉस्पिटल में भर्ती होने के बाद इलाज शुरू हुआ, जिसमें 5 लाख से अधिक का खर्च आया। डॉक्टरों ने कहा कि अंजू के बचने की उम्मीद केवल 1% है, लेकिन राजिंदर की प्रार्थनाओं और अंजू की जीवटता ने चमत्कार कर दिखाया।

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इस हादसे ने राजिंदर को झकझोर कर रख दिया और उन्होंने समाज सेवा को अपनी जिंदगी का मकसद बना लिया। उन्होंने “भगत सिंह रेस्क्यू टीम” की स्थापना की, जिसके तहत वे रक्तदान अभियान, लावारिस शवों के अंतिम संस्कार और अन्य समाजसेवी कार्यों में सक्रिय हो गए। राजिंदर का मानना है कि भगवान से बड़ा कोई नहीं, लेकिन माता-पिता असली भगवान होते हैं। उन्हें सबसे ज्यादा समर्थन अंजू के माता-पिता से मिला, जिनके साथ वे एक परिवार की तरह रहते हैं।

आज 23 वर्षीय अंजू पूरी तरह स्वस्थ हैं और उनका सपना सिंगर बनने का है। हादसे के बाद कुछ समय के लिए उनकी याददाश्त चली गई थी, लेकिन अब वे सामान्य जीवन जी रही हैं और अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन बिता रही हैं।

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यह कहानी सिर्फ एक हादसे से उबरने की नहीं, बल्कि संघर्ष, हौसले और समाज सेवा के प्रति समर्पण की मिसाल है।

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